सलोनी का प्यार (उपन्यास)लेखनी कहानी -17-Jan-2022
भाग -२
सलोनी की नजरें राहुल को खोज रही है , पता नहीं कहां होगा। स्कूल में भी तो लंच ब्रेक के बाद से दिखा ही नहीं। ना स्कूल में कभी बात करता है और ना ही अपने घर में ही मुझे टोकता है,मैं ही पागल हूं जो उसको दूर से देखना भी मुझे अच्छा लगता है सोचते हुए सलोनी कभी पानी पीने के बहाने किचन जाते हुए उसे ढूंढती तो कभी वाशरूम के बहाने उसके स्टडी रूम में झांकती। आज कहीं नजर ही नहीं आ रहा था राहुल। नौ साल की सलोनी की आंखें अपने उस दोस्त को खोज रही थी जो उसे अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझता था।
राहुल क्लास का मॉनिटर ,पढ़ने लिखने में जितना होशियार, उतना ही स्कूल की हर एक्टिविटी में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेता। वो गोरा चिट्टा बिल्कुल राजकुमार सा दिखता, पर उसे सलोनी का उसके पास आना बात करना बिल्कुल पसंद ना था। घर पर भी जब सलोनी अपने पापा के साथ आती वो अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकलता। जब राहुल के मम्मी पापा सलोनी से प्यार से बात करते, चॉकलेट या चिप्स कुछ खाने को देते ,उसे ना जाने क्यों इतना बुरा लगता।
उस दिन भी तो वो सुबह मम्मी से इसी बात से नाराज़ होकर ही तो स्कूल जाते वक्त बोला था कि ,
"मम्मी सलोनी को अपने घर क्यों आने देते हो।उस बदसूरत डरावनी सी दिखने वाली लड़की को देखकर मुझे रात को सपने भी डरावने से आते हैं।"
इस पर उसकी मम्मी रमा ने खीचकर उसे चाटा मारते हुए कहा,"ऐसे संस्कार दिए हैं मैंने तुझे, किसी की सूरत पर नहीं उसकी सीरत पर जाना चाहिए। खबरदार आज के बाद उसके या किसी के बारे में ऐसा कहा।"
राहुल बिना टिफिन बॉक्स और वॉटर बॉटल लिए, गुस्से से अपने गालों को सहलाता हुआ बैग टांगें निकल गया था घर से, वापस कभी इस घर में ना लौटने के लिए। पांचवीं में पढ़ते राहुल के मन में सलोनी के साथ साथ अपने मम्मी पापा के लिए भी मन में नफरत भर गई थी।
सलोनी ने अपने स्वभाव और गुणों से रमा जी और रवि गोयल जी का मन जीत लिया था। रमा जी के तीन बेटे थे ,उनकी कोई बेटी ना थी। राहुल सबसे छोटा था ,अपने मम्मी पापा और अपने दोनों बड़े भाइयों का दुलारा।
सलोनी की नजरें राहुल को खोजते हुए वो याद कर रही थी कैसे सुबह प्रेयर ग्राउंड में लाल आंखें किए मुझे घूर रहा था जैसे कच्चा चबा जाएगा। वो तो एनुअल डे पर उसके साथ नाटक में भाग लेना चाहती थी। आज से ही लंच ब्रेक के बाद से ही प्रेक्टिस शुरू होनी थी। पर वो तो तबियत खराब है कहकर लंच के बाद ही शायद घर आ गया ,यही तो सोच रही थी सलोनी पर जब राहुल घर पर कहीं ना दिखा और आंटी का रोना बंद ही नहीं हो रहा था,अंकल भी पापा के कंधे पर सर रख कर रो रहे थे।
सलोनी ने राहुल के बड़े भाई की मोबाइल की दुकान जो उनके घर के ही आगे थी वहां जाकर देखने गई कि कहीं राहुल भईया की दुकान पर तो नहीं।पर वहां पुलिस की गाड़ी खड़ी देख डर गई,तब तक गोयल अंकल और सलोनी के पापा भी बाहर आ गए थे।
अंकल पुलिस को राहुल की फोटो दिखा रहे थे, सलोनी कोने में खड़ी हो देख हैरान थी। डर से उसके पैर कांप रहे थे। आखिर राहुल को क्या हुआ,अंकल राहुल की फोटो पुलिस को क्यों दिखा रहे हैं। पुलिस अंकल राहुल के बारे में सारी डिटेल पूछ रहे थे,क्या पहना था,कब से लापता है??
लापता... राहुल लापता हो गया है, सुबह तो देखा था स्कूल में।
पुलिस के जाने के बाद अंकल ने सलोनी से पूछा," बेटा स्कूल में किसी के साथ झगड़ा हुआ था क्या उसका, या किसी टीचर ने डांटा मारा था।"
"नहीं तो अंकल, पर वो लाल आंखें कर मुझे ऐसे देख रहा था जैसे खा जाएगा।
मैंने कुछ नहीं किया था अंकल,प्रोमिस मैंने कुछ नहीं कहा जा उसे।" कहते हुए सलोनी की आंखों से आंसू गिरने लगे फिर आंसू पोंछ कर बोली," किसी के साथ झगड़ा भी नहीं हुआ था स्कूल में और ना ही किसी टीचर ने डांटा था उसे।"
रमा आंटी का तो रोकर बुरा हाल था,सलोनी की मम्मी राधिका उन्हें संभालने की कोशिश कर रही थी।
रमा जी रोते रोते बेहोश हो गई। उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया जब उन्हें होश आता तो मेरी गलती है कहकर फिर बेहोश हो जाती।
गोयल जी बेटे के घर छोड़ने और पत्नी की ये हालत देख परेशान थे।
राहुल को लापता हुए हफ्ते भर से ज्यादा हो गया, रमा जी की दिमागी हालत खराब हो गई थी। वो हॉस्पिटल से घर तो आ गई थी पर पागलों सी हरकतें करती, ना जाने क्या क्या बोलते रहती।
एक दिन रवि गोयल जी शाम को सोहन जी के घर आए उस समय सलोनी अपने पूजा घर में दीया जला रही थी, और राहुल की सलामती और घर वापस आने की भी प्रार्थना कर रही थी कि तभी रवि जी ने सलोनी से कहा बेटा तुम्हारी प्रार्थना भगवान जरूर सुनेंगे और तुम्हारे दोस्त राहुल को जरुर घर वापस भेज देंगे।
क्रमशः
क्या भगवान सलोनी की प्रार्थना सुनेंगे, राहुल घर वापस आएगा और सलोनी से दोस्ती करेगा। जानने के लिए सलोनी की इस कहानी से जुड़े रहिए। अपनी समीक्षाओं से हौसला अफजाई करते रहिए।प्रिय पाठकों आप सबकी सुंदर समीक्षा से ही हमे लिखने की प्रेरणा मिलती है।
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कविता झा'काव्या कवि'
# लेखनी
# लेखनी धारावाहिक लेखन प्रतियोगिता
22.01.2022